पूर्वी लद्दाख में वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन के बीच 3 साल से गतिरोध जारी है। दोनों देशों की सेनाओं ने जबरदस्त मोर्चेबंदी कर रखी है।
भारत औऱ चीन बॉर्डर पर सेना की वापसी और शांति बनाए रखने के लिए दोनों देशों के बीच 15 बार सैन्य कमांडर स्तर की वार्ता की जा चुकी है। लेकिन इस काफी समय बीत जाने के बाद भी वार्ता को लेकर कोई हलचल नहीं है। इससे पहले भारतीय सेना और चीन की पीएलए के बीच 11 मार्च को 15 वें दौर की वार्ता हुई थी। उसके बाद से करीब 4 माह बीत चुके हैं, वार्ता का कोई नया दौर नहीं हुआ।
हालांकि, गुरुवार को विदेश मंत्री जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी के बीच मुलाकात हुई थी। इसमें जयशंकर ने सीमा विवाद समेत सभी बकाया मसले बातचीत से हल करने पर जोर दिया। यी ने भी इस पर सहमति जताई है। जयशंकर ने चीन में पढ़ रहे भारतीय छात्रों की वापसी और हवाई उड़ानों का भी मुद्दा ली के समक्ष उठाया था।
जयशंकर व चीनी विदेश मंत्री यी ने इस बात से भी सहमति जताई कि वास्तविक नियंत्रण रेखा पर टकराव के बिंदुओं का परस्पर स्वीकार्य समाधान निकालना आवश्यक है। इस गतिरोध से जुड़े सूत्रों के अनुसार जयशंकर ने यी से सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बहाल करने के लिए सैनिकों की वापसी का काम पूरा करने के लिए दबाव डाला।