सितारगंज। दि किसान सहकारी चीनी मिल सुचारु रूप से संचालित नहीं हो पा रही है। दो दिसंबर से रुक-रुककर चल रही मिल में अभी तक 46 हजार क्विंटल गन्ने की पेराई हो सकी है, जबकि 34 हजार क्विंटल गन्ना बाजपुर व किच्छा चीनी मिल को भेजा गया है। आज फिर मिल बंद हो गई। इससे आए दिन में मिल में तकनीकी खराबी होने की वजह से मिल न चलने से हर दिन भारी आर्थिक क्षति हो रही है।
बीते 29 नवंबर को भले ही सीएम पुष्कर सिंह धामी ने चीनी मिल के पेराई सत्र का उदघाटन किया, लेकिन मिल उद्घाटन के तीन दिन बाद चली। वह भी कुछ समय के लिए और फिर रुक गई। पिछले 12 दिनों में अब तक मिल में सिर्फ 46 हजार क्विंटल गन्ने की पेराई हो सकी है। चीनी के उत्पादन की तो अभी शुरुआत ही नहीं हुई। मंगलवार की सुबह करीब सात बजे चीनी मिल में गन्ना ही खत्म हो गया। इससे मिल बंद हो गई। आएदिन चीनी मिल बंद होने से भारी नुकसान हो रहा है। मिल के प्रधान प्रबंधक आरके सेठ ने बताया कि गन्ना खत्म होने के साथ मिल को बंद कर दिया गया। वहीं, मिल के प्लांट में तकनीकी खराबी को ठीक करने के लिए एक्सपर्ट आए हैं। सेंटरों से गन्ना मंगाया जा रहा है। पर्याप्त गन्ना आपूर्ति होने पर मिल को दुबारा चालू कर दिया जाएगा।