रुद्रप्रयाग-आपदा प्रभावित रुद्रप्रयाग के 531 परिवार वर्षों से पुनर्वास की राह देख रहे हैं। केदारनाथ आपदा के बाद से बीते वर्ष तक जिले के 27 गांव/तोक के 591 परिवारों को पुनर्वास की सूची में शामिल किया जा चुका है लेकिन आठ वर्ष में सिर्फ 60 परिवारों का ही उनकी अन्यत्र भूमि में पुनर्वास हो पाया है। वर्ष 1997 में अलग जिला गठन के बाद से वर्ष 1998 से 2020 तक जिले में कई बड़ी आपदाएं आ चुकी हैं, जिससे यहां के कई गांव बेहद संवेदनशील हो चुके हैं। ये गांव वर्षों से पुनर्वास की मांग करते आ रहे थे। वहीं, 16/17 जून 2013 की केदारनाथ आपदा में तबाही के बाद जिला स्तर पर प्रशासन ने राजस्व विभाग व भू-वैज्ञानिकों की मदद से कई चरणों में प्रभावित क्षेत्रों में सर्वेक्षण करवाया। वर्ष 2014 में भूगर्भीय सर्वेक्षण एवं 2011 की पुनर्वास नीति के आधार पर जिले के कुल 23 गांवों के 472 परिवारों को पुनर्वास सूची में शामिल किया गया। अब तक सात गांवों के सिर्फ 60 परिवारों को ही उनकी अन्यत्र भूमि में पुनर्वास किया जा सका है जबकि बीते वर्ष 119 और प्रभावित परिवार सूची में शामिल किए गए हैं।