श्रीनगर: नदीमर्ग नरसंहार मामले को जम्मू-कश्मीर और
लद्दाख हाईकोर्ट ने फिर से खोलने का आदेश दिया है। जस्टिस संजय धर ने 21 दिसंबर, 2011 के आदेश को वापस
लेने का अनुरोध स्वीकार कर लिया है, जिसमें क्रिमिनल रिवीजन पिटीशन खारिज कर दी गई
थी। अब हाईकोर्ट इस मामले में 15 सितंबर, 2022 को सुनवाई
करेगा।
बता दें कि वर्ष 2003 में लश्कर-ए-तैयबा के आतंकियों ने 24 कश्मीरी पंडितों की बेरहमी से हत्या कर दी थी। इसके बाद जैनापुर में एफआइआर दर्ज की गई और जांच के बाद सेशन कोर्ट, पुलवामा में सात लोगों के खिलाफ चार्जशीट पेश की गई। बाद में इस मामले को सेशन जज, शोपियां में शिफ्ट कर दिया गया।
जस्टिस संजय धर ने अपने आदेश में कहा कि ऐसा लगता है कि केस
की सुनवाई में हो रही देरी के बाद अभियोजन पक्ष ने ट्रायल कोर्ट में एक आवेदन दायर
कर कमीशन पर अपने गवाहों की जांच करने की अनुमति मांगी, क्योंकि अभियोजन
पक्ष के अनुसार ये गवाह कश्मीर छोड़ चुके थे और डर के कारण शोपियां में निचली
अदालत के सामने पेश होने से हिचक रहे थे।