पाकिस्तान में नए सेना प्रमुख की नियुक्ति को लेकर बहस तेज हो गयी है। अब इस बहस में राष्ट्रपति आरिफ अल्वी भी कूद पड़े हैं।
राष्ट्रपति अल्वी ने कहा कि, नए सेना प्रमुख की नियुक्ति को लेकर व्यापक बहस होनी चाहिए। और आम सहमति पर आना चाहिए। एक रिपोर्ट के मुताबिक, अल्वी ने तर्क दिया है कि, वर्तमान सेना प्रमुख की नियुक्ति से पहले विपक्ष की सलाह ली गई थी।
क्योंकि, 2019 में सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा का कार्यकाल तीन साल के लिए बढ़ाने के दौरान भी उस समय के पीएम इमरान खान ने विपक्ष के साथ बातचीत की थी। बता दें कि, सेना प्रमुख बाजवा का कार्यकाल खत्म होने को है।
राष्ट्रपति अल्वी ने पाकिस्तान के पूर्व पीएम इमरान खान के विदेशी साजिश के दावों पर कहा कि, मुझे नहीं लगता इमरान खान को सत्ता से बाहर करने के लिए अमेरिका ने कोई साजिश रची थी। वहीं सेना की भूमिका के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा कि, पाकिस्तान की सेना को एक संवैधानिक भूमिका निभानी है। इसलिए उसे तटस्थ होना चाहिए।
दरअसल, पाकिस्तान में सियासी उथल-पुथल के समय सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा ने आश्वासन दिया था कि, सशस्त्र बलों ने खुद को राजनीति से दूर कर लिया है। और भविष्य में भी इससे दूर रहना चाहते हैं।