नैनीताल-निजी अस्पतालों में कोरोना इलाज के नाम पर मरीजों और तीमारदारों से मनमानी वसूली हो रही है। मरीज अस्पताल के बेड तक पहुंचा भी नहीं होता है कि अस्पताल पहले ही एकमुश्त धनराशि तीमारदारों से जमा करवा लेते हैं। फिर एक के बाद एक जांच की डिमांड और हजारों का बिल परिजनों को थमाना शुरू हो जाता है। लाखों खर्च के बाद भी मरीज ठीक होगा भी या नहीं, कुछ कहा नहीं जा सकता। नौबत ये है कि 19 दिन में 6 लाख रुपये वसूलने के बाद निजी अस्पताल संचालकों का कहना है कि मरीज घर ले जाओ, वह ठीक नहीं हो सकती। अपनों की सलामती के लिए परिजन कर्ज लेकर भी अस्पतालों की तिजोरी भरने को मजबूर हैं.