बागेश्वर: करोड़ों की लागत से रोडवेज डिपो के नाम पर बना भवन दो साल में ही बदहाली का शिकार होने लगा है। कर्मचारियों की कमी और समुचित देखरेख नहीं होने भवन और परिसर की हालत खराब होने लगी है। भवन में कई स्थानों से प्लास्टर और सीमेंट उखड़ने लगा है। वाहन पार्किंग के लिए बने स्थान पर घास उग आई है। रोडवेज स्टेशन में कर्मचारियों की भी कमी है। मात्र दो कर्मचारियों के भरोसे भवन और परिसर की देेखरेख व स्टेशन के कार्य को संभालने की जिम्मेदारी है।2.88 करोड़ रुपये की लागत से रोडवेज डिपो के नाम पर बने भवन और परिसर का निर्माण कार्य वर्ष 2019 में पूरा हुआ और कार्यदायी संस्था ने इसे परिवहन विभाग को हस्तांतरित किया। 19 फरवरी 2020 को तत्कालीन सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत और परिवहन मंत्री यशपाल आर्य ने रोडवेज स्टेशन का डिपो के नाम पर उद्घाटन भी किया। पिछले दो वर्षों के दौरान लोगों से कई बार डिपो का दर्जा देेने की मांग उठी। बावजूद डिपो बनना तो दूर, उलटा स्टेशन भी बदहाली की ओर बढ़ रहा है। वर्तमान तक भी यहां बरेली-बागेश्वर और बागेश्वर-देहरादून बसें ही खड़ी होती हैं। बाकी बसें सीधे गंतव्य को निकल जाती हैं। +