डाबर इंडिया लि. और जिवंति वेलफेयर एवं चेरिटेबल ट्रस्ट के वित्तीय सहयोग से उच्च शिखरीय पादप कार्यिकी शोध केंद्र (हैप्रेक) ने विकासखंड पाबौ के मरोड़ा व बिडोल्सू में जड़ी-बूटी कार्यशाला का आयोजन किया। इस मौके पर ग्रामीणों को तकनीकी प्रशिक्षण देने के साथ ही समेवा व तेजपात की पौध वितरित की गई।
मंगलवार को गढ़वाल विवि के हैप्रेक की ओर से मरोड़ा व बिडाल्सू में जड़ी-बूटी कार्यशाला का आयोजन कर काश्तकारों को तकनीकी प्रशिक्षण दिया गया। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि वैद्य रामकृष्ण पोखरियाल ने कहा कि कि जड़ी-बूटियों के संरक्षण के लिए उनका कृषिकरण जरूरी है। उन्होंने कहा कि काश्तकार अपने खेतों में जो भी जड़ी-बूटी उगाएंगे, उसको वह स्वयं दवा बनाने के लिए खरीदेंगे। सेवानिवृत्त कैप्टन श्याम सिंह बिष्ट ने कहा कि जानकारी के अभाव में जमीनी स्तर पर कार्य नहीं हो पा रहा है।