नई दिल्ली: तोशाखाना मामले में पाकिस्तान
चुनाव आयोग ने पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान को अयोग्य करार देते हुए उनकी संसद
सदस्यता रद्द कर दी है। बताया जा रहा है कि इमरान पर गलत जवाब दाखिल करने का आरोप
था। ये फैसला मुख्य चुनाव आयुक्त सिकंदर सुल्तान रजा की अध्यक्षता वाली चार सदस्यों की बेंच ने सुनाया।
इस निर्णय के बाद चुनाव आयोग के दफ्तर की सुरक्षा बढ़ा दी
गई है। साथ ही कहा गया है कि इमरान खान के खिलाफ कानूनी कार्रवाई की जाएगी। वहीं, इस मामले में इमरान खान की पार्टी ने कहा कि हम इस फैसले को
हाईकोर्ट में चुनौती देंगे। जबकि, नवाज शरीफ की पार्टी
ने कहा, इमरान खान ‘सर्टिफाइड’ चोर हैं।
चुनाव आयोग ने सुरक्षित रखा था फैसला
पाकिस्तान चुनाव आयोग में सत्ताधारी गठबंधन के सांसदों ने याचिका
दायर करते हुए आरोप लगाया था कि इमरान खान ने तोशाखाना में जमा गिफ्ट्स को सस्ते
में खरीद कर अधिक दामों में बेच दिया था। चुनाव आयोग ने इस मामले में सभी पक्षों
को सुनने के बाद निर्णय सुरक्षित रख लिया था।
दरअसल, इमरान खान वर्ष 2018 में प्रधानमंत्री
बने थे और उन्हें अरब देशों की यात्राओं के समय वहां के शासकों द्वारा महंगे गिफ्ट
मिले थे। इमरान ने इन्हें तोशाखाना में जमा करा दिए थे, लेकिन इमरान ने बाद में यहां से इन्हें सस्ते दामों पर
खरीदा और मुनाफे में बेच दिया। उनकी सरकार द्वारा इस पूरी प्रक्रिया को कानूनी
अनुमति दी गई थी।
क्या है पूरा मामला?
इस मामले की सुनवाई के दौरान पूर्व प्रधानमंत्री ने चुनाव
आयोग को बताया था कि राज्य के खजाने से इन गिफ्ट्स को 2.15 करोड़ रुपये में
खरीदा था और इन्हें बेचकर उन्हें लगभग 5.8 करोड़ रुपये मिले थे। इन गिफ्ट्स में एक Graff घड़ी, एक महंगा पेन, कफलिंक का एक
जोड़ा, चार रोलेक्स
घड़ियां और एक अंगूठी शामिल थी। हालांकि, उन पर आरोप है कि
इमरान खान ने आयकर रिटर्न में इन गिफ्ट्स की बिक्री नहीं दिखाई। याचिका दाखिल कर विपक्षी
सांसदों ने इमरान खान की सदस्यता रद्द करने की मांग की थी।