श्रीनगर: एक दिसंबर को हेमवती नन्दन बहुगुणा गढ़वाल विश्वविद्यालय का दसवां दीक्षांत समारोह आयोजित किया जाएगा. जिसकी लगभग सभी तैयारियां लगभग पूरी कर ली गई हैं. इस वर्ष आयोजित होने वाले दीक्षांत समारोह में ढोलसागर के प्रखर विद्वान, ढोलवादक सोहन लाल को विवि डॉक्टरेट की मानद उपाधि से सम्मानित करने जा रहा है. ढोल वादक सोहन लाल को ये सम्मान उत्तराखंड की संस्कृति को संजोने और संवारने के लिए दिया जा रहा है.ढोलसागर के प्रखर विद्वान, ढोलवादक सोहन लाल पुजारगांव चंद्रबदनी (टिहरी) के रहने वाले हैं. सोहन लाल पांडव, गोरिल, नागराजा, दिशा धांकुड़ी, बगड़वाल सहित ढोल वादन के अन्य सभी आयामों में पारंगत हैं. उन्होंने पांच साल की उम्र से ही ढोल बजाना शुरू कर दिया था. उनके पिता ग्रंथी दास ने उन्हें ढोल वादन की शुरुआती शिक्षा दी. उनकी मां लौंगा देवी ने चैत गीत (चैत्वाली), नागराजा गीत उन्हें सिखाये.