भारत के दोनों पड़ोसी देशों के हालात इस वक्त एक से हैं। एक ओर श्रीलंका इतिहास के सबसे बड़े आर्थिक संकट से जूझ रहा है। तो पाकिस्तान के हालात भी इससे मिलते-जुलते दिखाई दे रहे हैं।
पाकिस्तान की आर्थिक स्थिति का अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि, यहां सरकार 12 घंटे बिजली कटौती करने को मजबूर है। तों वहीं ईंधन के दाम आसमान पर पहुंच चुके हैं। इसका सीधा असर देश की आम जनता पर पड़ रहा है। दरअसल पहले से ही आसमान पर पहुंच चुकीं पेट्रोल-डीजल की कीमतों में फिर आग लग गई है। यहां डीजल के दाम 59.61 रुपये, तो पेट्रोल में 24.03 रुपये की बढ़ोतरी की गई है।
जिसके बाद पाकिस्तान में एक लीटर पेट्रोल की दाम 233.89 रुपये और डीजल की कीमत 59.16 रुपये बढ़कर 263.31 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच चुकी है। पाकिस्तान में पेट्रोल-डीजल ही नहीं केरोसिन और बिजली की कीमतों में भी बेतहाशा बढ़ोत्तरी की गयी है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, मई 2022 में सरकार को पेट्रोलियम पदार्थों पर 120 अरब रुपये से अधिक का नुकसान उठाना पड़ा है।
वहीं पेट्रोल-डीजल की कीमतों में लगातार हो रही बढ़ोतरी को लेकर सियासत भी तेज है। पाकिस्तान के पेट्रोलियम राज्य मंत्री मुसद्दक मलिक का कहना है कि, इमरान खान सरकार की नीतियों का नतीजा है। मलिक ने कहा कि, इमरान सरकार ने पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था को पूरी तरह से तबाह कर दिया था। उन्होंने सब्सिडी देकर जानबूझकर पेट्रोल की कीमतें कम की थीं, जिससे हमारी सरकार को और जनता को खामियाजा भुगतना पड़ रहा है।