चमोली: जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी की बर्खास्तगी का मामला गरमा गया है. मामले को लेकर कांग्रेसी मुखर हो गए हैं. इसी कड़ी में चमोली में कांग्रेसियों ने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की. साथ ही पुतला दहन कर आक्रोश जताया. वहीं, रजनी भंडारी से दायित्व हटाने के बाद चमोली जिला पंचायत उपाध्यक्ष को अध्यक्ष पद की जिम्मेदारी सौंपी गई है.
बता दें कि 25 जनवरी 2023 को चमोली जिला पंचायत अध्यक्ष रजनी भंडारी को नंदा राजजात यात्रा मार्ग के निर्माण कार्यों में करोड़ों की धांधली के मामले में धामी सरकार ने पद से हटा दिया था. इसके बाद हाल ही में शासन ने रजनी भंडारी को बर्खास्त कर दिया था. जिसके बाद मामले में सियासत तेज हो गई है. इससे पहले यह मामला नैनीताल हाईकोर्ट में गया था. जिसके बाद कोर्ट ने रजनी भंडारी को पद से हटाने पर रोक लगाई थी.गौर हो कि रजनी भंडारी के खिलाफ साल 2013 में नंदा राजजात यात्रा मार्ग पर निर्माण कार्यों के टेंडर प्रक्रिया में अनियमितता के आरोप लगे थे. जिस पर लंबे समय से जांच की मांग हो रही थी. इससे पहले महेंद्र भट्ट वर्तमान बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष ने भी कोर्ट के माध्यम से रजनी भंडारी पर कार्रवाई की मांग की थी, लेकिन जांच के बाद रजनी भंडारी को क्लीन चिट मिल गई थी. जिससे उन्होंने राहत की सांस ली.
इसके बाद एक बार फिर से अध्यक्ष रजनी भंडारी के खिलाफ जांच की मांग हुई. मामले में कमिश्नरी जांच बैठी. जिसके बाद 10 जनवरी 2024 को सरकार ने रजनी भंडारी को दोषी पाते हुए उन्हें उनके पदीय दायित्वों से हटाने का आदेश जारी कर दिया. साथ ही चमोली जिलाधिकारी हिमांशु खुराना को जिला पंचायत उपाध्यक्ष को पदभार करवाने के निर्देश दिए.इस आदेश के बाद चमोली जिले की राजनीति गरमा गई. राजनीतिक विषयों के विशेषज्ञ बताते हैं कि राजनीति में ये सब चलता रहता है. साल 2013 से अब तक रजनी भंडारी 2 बार जिला पंचायत सदस्य का चुनाव लड़ चुकी हैं. जिसके बाद रजनी अध्यक्ष पद पर आसीन रहीं. साथ आरोप प्रत्यारोप लगे और जांच का दौर जारी रहा.