छात्रा अपेक्षा के अनुसार यह हेलमेट हवा में वायरस को सैनिटाइज करके खत्म करने में सक्षम है। हेलमेट के दाएं ओर आईआर सेंसर लगे हुए हैं। सेंसर के सामने कोई भी आब्जेक्ट आएगा तो हेलमेट में लगा सैनिटाइजर फॉग सिस्टम ऑन हो जाएगा, जिससे उसके सामने पडऩे वाले व्यक्ति को सैनिटाइज कर सकेगा।
इसे बनाने में डेढ़ हजार रुपये खर्च हुए हैं। इसकी रेंज अभी तीन मीटर तक ही है। यह अभी प्रोटोटाइप बनाया गया है। यातायात विभाग मंजूरी दे तो इस तरह के और भी हेलमेट तैयार किए जा सकते हैं। इसे एक घंटे चार्ज करने पर दो दिनों तक काम करने में सक्षम है।
एक घंटे चार्ज करने पर दो दिनों तक करेगा काम : 12 वर्षीय छात्रा अपेक्षा ने दावा किया कि इसे बनाने में बेकार पड़े खिलौने के पार्ट्स, रिले, आईआर सेंसर, नौ वोल्ट की बैट्री का इस्तेमाल किया गया है। इसके साथ इस हेलमेट में एक मेडिकल इमरजेंसी कालिंग भी हैं, जिसमें आप अपने डॉक्टर का नंबर भी सेट कर सकते हैं ताकि कभी किसी तरह की मेडिकल इमरजेंसी होने पर एक बटन दबाकर समय रहते अपने डॉक्टर से संपर्क कर सके।
अपेक्षा की माता सक्षम स्कूल में दाई का काम करती है। स्कूल की संस्थापक सुबिना चोपड़ा ने बताया कि स्कूल में कलाम इन्नोवेशन साइंस लैब हैं, जहां बच्चे पढ़ाई के साथ-साथ विज्ञान के क्षेत्र में इनोवेशन करते हैं। यह स्मार्ट हेलमेट इस महामारी के समय काफी उपयोगी सिद्ध हो सकता है।