देवभूमि की संस्कृति और विरासत अपने आप में अनूठी है। जिसकी झलक यहां के लोक पर्वों पर अक्सर देखने को मिल जाती है। ऐसा ही एक त्योहार उत्तरकाशी के ऊंचाई वाले गांव के बुग्यालों में मनाया जाता है। जहां दूध दही मक्खन की होली के साथ अंढूड़ी त्योहार मनाया जाता है। जिसे 11 हजार फीट की ऊंचाई दयारा बुग्याल में धूमधाम से मनाया गया। इस त्योहार को ग्रामीण दशकों से मनाते हैं। दयारा पर्यटन उत्सव समिति रैथल के सदस्य बताते हैं कि सावन माह में पहाडों में ग्रामीण अपने मवेशियों के साथ बुग्यालों में छानियों में आ जाते हैं। करीब एक माह यहां पर रहने के बाद जब ऊंचे बुग्यालों में ठंड शुरू हो जाती है। ग्रामीण अपने गांव की ओर लौटने लगते हैं।