शेयर बाजार में हर स्तर पर प्रवेश करने वाले निवेशकों की चिंता यह रहती है कि क्या इस समय पैसा लगाया जाए? खासकर तब यह चिंता और बढ़ जाती है जब बाजार रिकॉर्ड ऊंचाई पर हो, जैसा कि पिछले हफ्ते हमने देखा है, जब सेंसेक्स फिर से 63,000 पार चला गया था। यहीं से बैलेंस्ड एडवांटेज फंड (बैफ) की शुरुआत होती है, जो इन सभी का जवाब देता है।
यह म्यूचुअल फंड का ऐसा उत्पाद है, जो इक्विटी व डेट दोनों का मिला जुला रूप है। बाजार की स्थितियों, ब्याज दरों और आर्थिक स्थितियों के आधार पर इक्विटी व डेट के बीच बैफ में बदलाव होता है, जिससे निवेशकों को बाजार के हर चक्र में नुकसान से बचाने में मदद मिलती है।
इक्विटी और डेट के बीच होता है निवेश
वैश्विक तनाव जैसे कारकों पर विचार के साथ आम निवेशक के लिए इक्विटी और डेट के बीच आवंटन करना मुश्किल हो जाता है। ब्याज दरें नई ऊंचाई पर होने से सही बॉन्ड रणनीति तय करना भी चुनौतीपूर्ण हो जाता है। ऐसे में आईसीआईसीआई प्रूडेंशियल बैलेंस्ड एडवांटेज जैसे फंड ने इक्विटी या डेट से अंदर-बाहर जाने के कार्य को चतुराई से प्रबंधित किया है।