2012 के परिसीमन में अस्तित्व में आई हरिद्वार ग्रामीण सीट पर 2022 में बसपा और आम आदमी पार्टी अपना असर नहीं छोड़ सकी। बसपा ने पहले सीट पर प्रत्याशी बदला और आखिरी वक्त में मतदान से पहले सपा के प्रत्याशी ने बसपा को समर्थन दे दिया। लेकिन कांग्रेस के पक्ष में मुस्लिम और दलित वोटरों के ध्रुवीकरण होने से बसपा को इसका कतई फायदा नहीं मिला।
ग्रामीण सीट पर 2012 और 2017 में बसपा त्रिकोणीय मुकाबले में रही। सीट पर मुसलिम वोटरों की संख्या अधिक होने से इस बार भी बसपा ने मुसलिम प्रत्याशी युनूस अंसारी पर दांव खेला था। कांग्रेस की अनुपमा का टिकट जारी होने से बसपा ने डॉ. दर्शनलाल शास्त्री का मैदान में उतारा था। लेकिन अनुपमा कांग्रेस से मैदान में उतरते ही बसपा ने डॉ. दर्शनलाल का टिकट काटकर मो युनूस को उतार दिया। मतदान से पहले सपा के साजिद अंसारी ने बसपा के प्रत्याशी युनूस अंसारी को समर्थन देकर मुुकाबला रोचक बनाने का प्रयास किया। पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने बसपा के इस खेल पर भाजपा की घेराबंदी करते हुए आरोप लगाए थे। हरीश रावत ने जनता के बीच जाकर आंसू बहाकर बेटी अनुपमा के लिए वोट मांगे थे। अनुपमा को इसका फायदा हुआ और बसपा इस सीट पर काफी पीछे रह गई।