राज्य गठन के दशकों बाद भी उत्तराखंड के कई गांव विकास की किरण से कोसों दूर हैं। अल्मोड़ा का कनेली-बिसरा गांव इन्हीं गांवों में से एक है। यहां सड़क नहीं है, पीने का पानी नहीं है। रविवार को परेशान ग्रामीणों ने सरकार के खिलाफ विरोध-प्रदर्शन कर अपनी नाराजगी जताई। साथ ही कहा कि अगर विधानसभा चुनाव तक गांव में रोड नहीं पहुंची तो वो वोट नहीं देंगे। ग्रामीणों ने सरकार के खिलाफ नारेबाजी भी की। साथ ही साल 2022 के विधानसभा चुनाव के बहिष्कार की चेतावनी दी। कनेली-बिसरा गांव हवालबाग ब्लॉक में स्थित है। गांव के लोगों का कहना है कि पूर्व में च्योली से कनेली गांव तक सड़क स्वीकृत हुई थी। सालों के इंतजार के बाद साल 2013-14 में जैसे-तैसे सड़क निर्माण का काम शुरू हुआ, लेकिन बाद में बजट की कमी का रोना रोते हुए काम अधूरा छोड़ दिया गया।