प्रतापनगर ब्लाक के सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र चौंड में सोमवार शाम एक महिला का प्रसव मोबाइल फोन की रोशनी में कराना पड़ा। प्रसव के दौरान अचानक अस्पताल की लाइट चली गई । जनरेटर में डीजल नहीं था। इसके बाद डाक्टरों ने मोबाइल फोन की रोशनी में सुरक्षित प्रसव करवाया। स्थानीय जनप्रतिनिधियों ने अस्पताल को अलग विद्युत फीडर से न जोड़ने पर आंदोलन की चेतावनी दी है।
सोमवार शाम करीब छह बजे चौंड अस्पताल में एक महिला को उसके स्वजन प्रसव के लिए लाए। महिला के प्रसव के दौरान ही अस्पताल की लाइट चली गई। अस्पताल में रखे जेनरेटर में भी डीजल न होने के कारण उसे नहीं चलाया जा सका। इस दौरान डाक्टर और कर्मचारियों ने दो मोबाइल फोन की फ्लैश लाइट के सहारे ही महिला का प्रसव कराया। दस मिनट तक मोबाइल फोन की लाइट ही इस दौरान डाक्टर का सहारा बनी। इस मामले में प्रतापनगर के जनप्रतिधियों ने स्वास्थ्य विभाग पर सुविधाएं न जुटाने का आरोप लगाया है। उन्होंने कहा कि अस्पताल में जिस फीडर से लाइट जोड़ी गई है उसे फीडर में बहुत लोड है और अक्सर अस्पताल की लाइट चली जाती है। अस्पताल को दूसरे फीडर से लाइट दी जाए। अस्पताल के प्रभारी डाक्टर आकाशदीप ने बताया कि अचानक लाइट जाने पर मोबाइल फोन की लाइट ही विकल्प था। जिसकी मदद से प्रसव कराया।