अल्मोड़ा। कोरोना महामारी का असर इस विधानसभा चुनाव पर भी पड़ रहा है। संक्रमण से बचने के लिए जमीनी चुनाव प्रचार पर रोक लगी है। वर्चुअल प्रचार का सहारा भी राजनीतिक दल इसलिए नहीं ले पा रहे हैं क्योंकि कई गांव संचार से कटे हैं। ऐसे में इस चुनाव में मतदाताओं के साथ ही राजनीतिक दलों के लिए भी चुनाव संबंधी और अन्य विषयों पर जानकारी जुटाने और लोगों तक अपनी बात पहुंचाने का प्रामाणिक माध्यम अखबार बन रहे हैं।
अलग राज्य बनने के बाद वर्ष 2002 में अल्मोड़ा के छह विधानसभा क्षेत्रों में पहली बार विधानसभा चुनाव हुए। इसके बाद लोकसभा चुनाव भी हुए। सभी चुनावों में राजनीतिक दलों ने गांव-गांव जाकर चुनाव प्रचार किया। प्रचार के लिए कम शर्तों के कारण अधिकतर दावेदार/प्रत्याशी घर-घर पहुंचे और मतदान की अपील की लेकिन इस बार के चुनाव में हालात कुछ और हैं। कोरोना संक्रमण के कारण शासन से नई एसओपी जारी की गई है, जिसके तहत राजनीतिक दल बड़े स्तर पर जमीनी प्रचार नहीं कर सकते। रैली, सभा आदि पर भी रोक लगी है।