विधानसभा चुनाव के नतीजों से ठीक तीन दिन पहले भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव कैलाश विजयवर्गीय के दून पहुंचने पर सियासी पारा चढ़ गया है। विजयवर्गीय ने पूर्व केंद्रीय मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक के बीच ताजा राजनीतिक हालातों पर चर्चा हुई। भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव वर्गीय के दून पहुंचते ही भाजपाइयों के साथ ही कांग्रेसियों में भी हलचल बढ़ गई हैं।
दरअसल, वर्गीय वर्ष 2016 में हरीश रावत सरकार में तोड़-फोड़ के सूत्रधार रहे हैं। तब कांग्रेस के नौ विधायकों ने एक साथ कांग्रेस से इस्तीफा दे दिया था। इस पूरे टास्क की कमान तब वर्गीय के हाथों में थी। उन्हीं के मार्फत कांग्रेस से बगावत करने वाले नेताओं की भाजपा हाईकमान के नेताओं से मुलाकात हुई।
वर्गीय दोपहर निशंक के विजय कालोनी स्थित आवास पहुंचे। वहां दोनों नेताओं के बीच बंद कमरे में लंबी बातचीत हुई। सूत्रों ने बताया कि विधानसभा चुनाव के संभावित नतीजों पर बातचीत का मुख्य फोकस रहा। भाजपा के नेता हालांकि उत्तराखंड में पूर्ण बहुमत मिलने का दावा कर रहे हैं, लेकिन दबी जुबान से वे कांग्रेस के साथ कड़ी टक्कर मान कर चल रहे हैं।
कैलाश, धामी, निशंक और कौशिक के बीच नतीजों के बाद की रणनीति पर चर्चा
सुभाष रोड स्थित एक होटल में शाम को भाजपा के दिग्गजों ने नतीजे आने के बाद की रणनीति पर गहन मंथन किया। सूत्रों ने बताया कि शाम छह बजे से शुरू हुई यह बैठक लगभग डेढ़ घंटे तक चली। इसमें पार्टी के राष्ट्रीय महामंत्री कैलाश विजय वर्गीय, मुख्यमंत्री पुष्कर धामी, पूर्व केंद्रीय मंत्री डा. रमेश पोखरियाल निशंक और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष मदन कौशिक, उत्तराखंड सह प्रभारी रेखा वर्मा मौजूद रहे।
मतदान के बाद भाजपा के दिग्गजों की पहली बार इस तरह से एक साथ बैठें हैं। सूत्रों के अनुसार दिग्गजों ने हर रणनीति पर चर्चा की। अगर भाजपा पूर्ण बहुमत हासिल कर लेती है तो फिर दिग्गजों की टेंशन खत्म हो जाएगी, लेकिन यदि बहुमत के आसपास तक सीमित रहती है तो फिर ऐसे में अपनी रणनीति को अंजाम तक पहुंचाने के लिए काम करेगी। उधर, रविवार रात को भाजपा के टिहरी प्रत्याशी किशोर उपाध्याय ने भी निशंक से उनके आवास पर भेंट की।