रुद्रप्रयाग: चोपता में पर्यटकों की भरमार और सुविधाओं का अकाल पड़ा है। उत्तराखंड राज्य बनने के दो दशक बाद भी सरकारें यहां के स्थायी विकास के लिए योजना तक नहीं बन पाई है। जबकि पर्यटन के नाम पर वन विभाग सिर्फ पर्ची काटने तक रह गया है, जिसका खामियाजा पर्यटकों के साथ-साथ स्थानीय हक-हकूकधारियों और कारोबारियों को भुगतना पड़ रहा है।चोपता बाजार में पार्किंग, शौचालय, सफाई, स्वास्थ्य, सुरक्षा और संचार सेवा के इंतजाम तक नहीं हैं। व्यापार संघ चोपता के अध्यक्ष भूपेंद्र मैठाणी का कहना है कि पर्यटन व तीर्थाटन को बढ़ावा देने की बात तो कही गई, लेकिन सरकारें व सिस्टम इस दिशा में कभी गंभीर नहीं दिख रहा है। बताया जाता है कि शासन-प्रशासन एक तरफ पर्यटन को बढ़ावा देने की बात कर रहा है, दूसरी तरफ अवैध अतिक्रमण के नाम पर वर्षों से कारोबार कर रहे लोगों को हटाया जा रहा है। एसडीएम जितेंद्र वर्मा का कहना है कि सुविधाओं के लिए विभागों को निर्देश दिए गए हैं।