रांची: झारखंड राज्य के 50 गांवों में आतंक फैलाने वाले आदमखोर तेंदुए की तलाश में वन विभाग लगातार खाक छान रहा है। वन विभाग ने 50 से ज्यादा ट्रैप कैमरे, एक ड्रोन और बड़ी संख्या में अधिकारियों को लगाया है, लेकिन पलामू संभाग में चार बच्चों को मारने वाला आदमखोर तेंदुए का अब तक पता नहीं चल सका है।
अब वन विभाग ने तेंदुए को पकड़ने के लिए हैदराबाद के
प्रसिद्ध शिकारी नवाब शफत अली खान को शामिल किया है। आशंका जताई जा रही है कि
गढ़वा में तीन और लातेहार जनपद में एक समेत चारों को एक ही तेंदुए ने मारा है।
पीड़ितों की उम्र छह और 12 साल के बीच है।
जिले के तीन ब्लॉक रामकंडा, भंडारिया और रंका 50 से अधिक गांवों
में तेंदुए का आतंक कायम है। यहां ग्रामीणों को वन विभाग द्वारा सूर्यास्त
के बाद बाहर नहीं निकलने के लिए कहा गया है।
विशेषज्ञों की मदद से ही पकड़ा जा सकता है तेंदुआ
राज्य के प्रमुख वन्यजीव वार्डन शशिकर सामंत ने न्यूज एजेंसी
PTI से कहा कि पशु को आदमखोर घोषित करने के लिए
कुछ आधिकारिक औपचारिकताएं हैं। हमारी पहली प्राथमिकता ट्रैंकुलाइजेशन के माध्यम से
तेंदुए को पकड़ना है, जो विशेषज्ञों
द्वारा ही संभव है। इसलिए, हमने नवाब शफत
अली खान से सलाह ली है। हमारी कोशिश में मदद करने के लिए वह न केवल एक विशेषज्ञ हैं, बल्कि एक जानवर की पहचान करने और उसे नियंत्रित करने के
लिए नवीनतम उपकरणों से भी लैस हैं।
10 दिसंबर को की थी
मासूम की हत्या
10 दिसंबर, 2022 को लातेहार जनपद के पास के बरवाडीह ब्लॉक के चिपदोहर इलाके में
तेंदुए ने कथित तौर पर अपना पहला हमला किया, जिसमें एक 12 साल की लड़की की मौत हो
गई। इसके बाद गढ़वा जिले के भंडरिया प्रखंड के रोड़ो गांव में 14 दिसंबर को छह साल
के मासूम की मौत हो हुई, जबकि उसी जिले के
रंका प्रखंड के सेवडीह गांव में 19 दिसंबर को एक अन्य छह साल की बच्ची को तेंदुए ने मार डाला था।