उत्तराखंड में स्थित सभी चिड़ियाघर, रेसक्यू सेंटर, टाइगर सफारी आने वाले दिनों में प्रबंधन के मद्देनजर एक छतरी के नीचे आएंगे। इसके लिए जू अथारिटी बनाने की तैयारी है। वन विभाग इसका मसौदा तैयार करा रहा है। तीन माह के भीतर इसका प्रस्ताव शासन को भेजा जाएगा। फिर कैबिनेट की मंजूरी के बाद राज्य की जू अथारिटी अस्तित्व में आएगी। वर्तमान में उत्तराखंड में देहरादून और नैनीताल में चिड़ियाघर, लच्छीवाला में नेचर पार्क और चिड़ियापुर व रानीबाग में रेस्क्यू सेंटर संचालित हैं। प्रबंधन के लिए इनमें कमेटियां गठित की गई हैं।
इसके साथ ही अब जल्द ही कार्बेट टाइगर रिजर्व के बफर जोन पाखरो में टाइगर सफारी अस्तित्व में आ जागएी। इसके अलावा हल्द्वानी में चिड़ियाघर व सफारी, कोटद्वार समेत अन्य स्थानों पर रेस्क्यू सेंटर की स्थापना प्रस्तावित है। तय प्रविधानों के चिडिय़ाघरों, नेचर पार्क आदि से पर्यटन के जरिये होने वाली आय का कुछ हिस्सा समितियों के माध्यम से इनके संरक्षण-संवर्द्धन पर व्यय किया जाता है। इसे लेकर अक्सर अंगुलियां भी उठती आई हैं।