बागेश्वर उपचुनावों की उल्टी गिनती शुरू होने के साथ ही मुख्य विपक्षी दल कांग्रेस के सामने उत्तराखंड में उपचुनावों का इतिहास पलटने की भी चुनौती है। इससे पहले उत्तराखंड में 14 बार विधानसभा उपचुनाव हो चुके हैं, जिसमें से 13 बार सत्ता पक्ष को जीत मिली है। इसके अलावा सिर्फ एक बार यूकेडी को उपचुनाव में जीत मिली थी,जबकि तब प्रदेश में कांग्रेस की सरकार थी।
उत्तराखंड में सबसे पहला उपचुनाव 2002 में पहली विधानसभा गठन के साल ही हुआ था। तब रामनगर से तत्कालीन सीएम एनडी तिवारी की जीत हुई थी। अब बागेश्वर के रूप में 15वें उपचुनाव की घोषणा हुई है। उपचुनावों का इतिहास देखें तो यह सत्ताधारी दल के पक्ष में रहा है, यानि प्रदेश में जिस दल की सरकार रही, उपचुनाव में भी बाजी उसी के हाथ लगी। सिर्फ 2004 के द्वाराहाट उपचुनाव में उत्तराखंड क्रांति दल जीती थी। शेष उपचुनावों में सात बार कांग्रेस को जीत मिली, जबकि छह बार भाजपा के हाथ विजय लगी।
उपचुनाव के लिए आज से आचार संहिता लागू
बागेश्वर जिला निर्वाचन अधिकारी अनुराधा पाल ने कहा कि अनुसूचित जाति आरक्षित विधानसभा क्षेत्र बागेश्वर में उपचुनाव के मद्देनजर जिले में धारा 144 लागू कर दी गई है। उन्होंने बताया कि 10 अगस्त से आदर्श आचार संहिता लागू हो जाएगी। इस दौरान कोई नया वित्त स्वीकृत नहीं होगा। नए टेंडर और काम प्रारंभ नहीं होंगे। लेकिन पुराने कार्य प्रभावित नहीं होंगे। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण और निष्पक्ष निर्वाचन के लिए सभी व्यवस्थाएं पूरी कर ली गई हैं। डीएम कार्यालय पर बुधवार को पत्रकार वार्ता के दौरान जिला निर्वाचन अधिकारी ने कहा कि विधानसभा क्षेत्र में मतदान के लिए 188 बूथ बनाए गए हैं। कुल 172 मतदान केंद्र होंगे। विस क्षेत्र में एक लाख 18 हजार 225 मतदाता हैं।