खाने के साथ अगर अचार मिल जाये तो खाने का स्वाद ही बदल जाता है। किसी को आम का अचार पसंद होता है तो किसी को नींबू का। वहीं, कई लोग लहसुन और अदरक का अचार भी खाना पसंद करते हैं। ऐसे में अगर कोई खाने के साथ मछली का आचार परोसे तो आप चौंक जायेंगे लेकिन छत्तीसगढ़ में खाने के साथ मछली का आचार भी परोसा जाता है। दरअसल, यहां कि महिलाएं बड़े पैमाने पर मछली का अचार बना रही हैं और उसे बेच कर अच्छी खासी कमाई कर रही हैं। इस अचार को बेंच कर महिलाएं खुद को आर्थिक रूप से मजबूर कर रही हैं।
छत्तीसगढ़ की भूपेश बघेल सरकार महिलाओं को आत्मनिर्भर बनाने के मकसद से तमाम तरह की योजनाएं चला रही है जिसका फायदा यहां कि कई महिलाओं को मिल रहा है। ग्रामीण क्षेत्रों की हुनरमंद महिलाओं की प्रतिभा खुलकर सामने आ रही है। अब प्रदेश की महिलाएं एक ऐसे क्षेत्रों में काम कर रही हैं जिसके बारे में आमतौर पर कम ही लोग सोचते हैं। जी हां वनबघेरा की जय बूढ़ा देव समूह की महिलाओं ने ऐसा ही एक इनोवेशन किया है। इन महिलाओं ने मछली का अचार तैयार किया है जो प्रदेश भर में चर्चा का विषय बना हुआ है।
मछली का अचार बनाने को लेकर बात करते हुए सरिता मंडावी ने बताया कि उन्हें पंचायत केअधिकारियों ने कहा कि अचार तो सभी बनाते हैं, कुछ नया करो, तभी मेरे दिमाग में आइडिया आया कि आम और लहसुन का अचार तो सभी लोग बनाते हैं, क्यों न कुछ नई रेसिपी बनाई जाए। उन्होंने कहा, इसके बाद हम सभी महिलओं ने मछली का अचार बनाने का फैसला किया। सरिता बताती हैं कि वैसे भी हमारे इलाके के लोग मछली खाना बेहद पसंद करते हैं। ऐसे में हमने पनकाज प्रजाति की मछली का अचार बनाने की ठानी। जब वह बन गया तो हमने उसे गौठान मेले में रखा जहां वह हाथों हाथ बिक गया। उस समय इस अचार के उन्हें 5 हजार रुपये मिले। सरिता कहती हैं कि इसके बाद उन्हें लगने लगा कि इसमें तो बड़ी संभावना है और उन्होंने अन्य महिलाओं के साथ मिलाकर व्यवसायिक रूप से इसका उत्पादन शुरू कर दिया।
एक किलो मछली के अचार की कीमत 50 रुपये हैं
सरिता बताती हैं कि एक किलो मछली के अचार की कीमत 50 रुपये है। उन्होंने कहा कि ट्रेनिंग के दौरान हमें बताया गया थे कि अलग सा उत्पाद बनाओ और हमने वहीं किया जिसमें हमें सफलता भी मिली।