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DevBhoomi Insider Desk
• Fri, 19 Aug 2022 12:22 pm IST


353 नदियों के अस्तित्व पर संकट, हालात नहीं सुधरे तो 20 साल में खत्म हो जाएंगी कई नदियां


  उत्तराखंड की 353 गैर हिमालयी और बरसाती नदियों का अस्तित्व संकट में आ गया है। इन नदियों में मानसूनकाल में भी पर्याप्त पानी नहीं है। हालात नहीं सुधरे तो अगले 20 साल में कई नदियों का अस्तित्व ही खत्म हो सकता है। भूगोलविद् और कुमाऊं विवि के पूर्व एचओडी प्रोफेसर जेएस रावत के शोध में यह खुलासा हुआ है। शोध के मुताबिक, इन नदियों के उद्गम स्रोतों में पानी साल-दर-साल घट रहा है। 


मौसम में आए बदलाव के अलावा उद्गम स्रोतों से पेयजल योजनाओं के लिए पानी के इस्तेमाल से यह संकट बढ़ा है। अवैज्ञानिक खनन भी इसकी बड़ी वजह है। प्रो. रावत कहते हैं कि नदियों का पुनर्जनन प्रोजेक्ट ही बरसाती नदियों को बचाने का एकमात्र रास्ता है। प्रो. रावत ने हाल में जागेश्वर धाम की जटा गंगा नदी पर शोध पूरा किया है। मानसून काल में भी जटा गंगा का प्रवाह महज 19 लीटर प्रति सेकेंड मिला। जागेश्वर की इस प्रमुख नदी के जल से जागेश्वर धाम में भगवान शिव का अभिषेक होता है। हालात नहीं सुधरे तो आने वाले कुछ सालों में जटा गंगा भी सूख जाएगी।