समय बदलने के साथ भले ही लोग मिट्टी से दूर होते गए, लेकिन मिट्टी से बने उत्पादों का चलन कम नहीं हुआ है। मिट्टी के उत्पादों के विक्रेता व कुम्हारों की आजीविका मिट्टी से ही जुड़ी हुई है। रंग और आकार में परिवर्तन कर नए कलेवर में मिट्टी के उत्पाद बाजार में अपनी धमक बनाए हुए हैं। वहीं परंपराओं और मान्यताओं की वजह से मिट्टी के बाजार का अस्तित्व बरकरार है।
दीपावली समेत कई त्योहारों के साथ विभिन्न समुदायों की परंपराओं में मिट्टी के उत्पादों का विशेष महत्व है। यही कारण है कि लोगों का मिट्टी से लगाव बरकरार है। इन दिनों चकराता रोड के किनारे मिट्टी उत्पादों के विक्रेताओं व कुम्हारों के पास खूब भीड़ उमड़ रही है। मिट्टी के बर्तनों से लेकर घर की सजावट के सामान भी लोग खरीद रहे हैं।