एनसीआर में रहने का सपना संजोकर नोएडा और ग्रेटर नोएडा इलाके में फ्लैट बुक करवाने वालों के 1.18 लाख करोड़ रुपए अलग-अलग बिल्डरों के पास फंसे पड़े हैं। तकरीबन 1.65 लाख घर बुक किए गए थे। फ्लैट देने के नाम पर वे लगातार टाल-मटोल कर रहे हैं।
दरअसल प्रॉपर्टी कंसल्टेंट एनारॉक 2014 या उससे पहले शुरु किए गए हाउसिंग प्रोजेक्ट्स को लेकर रिसर्च की। उन्होंने पाया कि, ये प्रोजेक्ट्स दिल्ली, एनसीआर, मुंबई मेट्रोपॉलिटन रीजन एमएमआर, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और पुणे में शुरू किए गए थे। प्रॉपर्टी कंसल्टेंट एनारॉक की रिसर्च में जो आंकड़े सामने आए हैं उसके मुताबिक, सात शहरों में 4,79,940 घर के लिए बिल्डरों को भुगतान किए गए लगभग 4,48,129 करोड़ रुपए बुरी तरह से फंसे हुए हैं। ये आंकड़े 31 मई 2020 तक के हैं।
इन आंकड़ों के 50 प्रतिशत मामले सिर्फ दिल्ली और एनसीआर के हैं। दिल्ली एनसीआर इलाके में 2,40,610 घरों के 1,81,410 करोड़ रुपए फंसे हुए हैं। 70 फीसदी हिस्सा नोएडा और ग्रेटर नोएडा क्षेत्र का है। सिर्फ नोएडा और ग्रेटर नोएडा में ही 1,65,348 घरों के 1,18,578 करोड़ रुपए फंसे हुए हैं। वहीं, गुरुग्राम में इस तरह के सिर्फ 13 प्रतिशत मामले हैं और यह शहर इस मामले में सबसे बेहतर स्थिति में है। गुरुग्राम में 30,733 घरों के 44,455 करोड़ रुपए लटके हुए हैं। वहीं दिल्ली, फरीदाबाद, धारूहेड़ा और भिवाड़ी इलाके में संयुक्त रूप से 22,401 घरों के 9,124 करोड़ रुपए फंसे हुए हैं।