केंद्र सरकार के स्वास्थ्य मंत्रालय में स्टाफ की खासी कमी है। मंत्रालय की विभिन्न डिवीजन और यूनिटों में पर्याप्त स्टाफ न होने की वजह से कर्मियों और अधिकारियों को प्रतिनियुक्ति पर भेजने के नियमों में बदलाव किया गया है।
स्वास्थ्य और परिवार कल्याण मंत्रालय के 17 अप्रैल को जारी सर्कुलर के मुताबिक, संबंधित कर्मचारी अगर प्रतिनियुक्ति का आवेदन करेगा तो ये मान लिया जाएगा कि, उस कार्मिक/अधिकारी की वहां पर जरूरत नहीं है। इसके बाद कार्मिक या अफसर को उस डिवीजन से बाहर कर दिया जाएगा। केंद्र सरकार के विभिन्न मंत्रालयों में स्टाफ की कमी चल रही है। हालांकि इसके साथ ही मिशन मोड में नियुक्तियां देने की प्रक्रिया भी जारी है।
बताया जा रहा है कि, अधिकांश मंत्रालय, अपने यहां पर स्टाफ की कमी को पूरा करने के लिए रिटायर्ड कार्मिकों को बतौर सलाहकार, नियुक्त कर रहे हैं। स्वास्थ्य मंत्रालय ने अपने सर्कुलर में कहा है कि, विभिन्न यूनिटों में स्टाफ की भारी कमी हो गई है। मंत्रालय ऐसी स्थिति में नहीं है कि, वो अपने स्टाफ को प्रतिनियुक्ति पर भेजने की इजाजत दे।