हरिद्वार। श्री निर्मल संतपुरा कनखल में श्राद्ध पक्ष के अवसर पर गुरुजन स्मृति दिवस श्रद्धा पूर्वक मनाया गया। इस अवसर पर सिक्ख पंथ के सभी 10 गुरुओं गुरु नानक देव जी से लेकर गुरु गोविंद सिंह जी का भावपूर्ण स्मरण किया गया। साथ ही श्री निर्मल संतपुरा के संस्थापक जाने-माने निर्मल संत श्री संत हरनाम सिंह महाराज, संत हीरा सिंह महाराज ,संत रघुवीर सिंह शास्त्री, पिताजी महाराज एवं संत महेंद्र सिंह महाराज का श्रद्धापूर्वक स्मरण किया गया। इस अवसर पर श्री गुरु ग्रंथ साहिब जी के 101 पाठ की 66 वीं लड़ी का आयोजन किया गया तथा 13 वां कीर्तन दरबार भव्यता के साथ संपन्न हुआ। बड़ी तादाद में श्रद्धालुओं ने संगत की, पंजाब अमृतसर से आए दरबार साहिब के हजूरी रागी बलविंदर सिंह और जालंधर के रागी हरजिंदर सिंह खालसा ने गुरुवाणी का गायन कर समा बांध दिया। कीर्तन दरबार में बड़ी तादाद में श्रद्धालुओं ने भाग लिया। इस अवसर पर अटूट लंगर व संत सम्मेलन का आयोजन किया गया। संत सम्मेलन में अध्यक्षीय संबोधन करते हुए श्री निर्मल संतपुरा के परमाध्यक्ष महंत जगजीत सिंह शास्त्री ने कहा कि संतों का जीवन गंगाजल के समान निर्मल होता है संतों की वाणी से मनुष्य को मोक्ष की प्राप्ति होती है। उन्होंने कहा कि गुरुजनों का स्मरण और उनके प्रति श्रद्धा भाव रखना ही सबसे बड़ी पूजा है। महामंडलेश्वर स्वामी हरि चेतनानंद महाराज ने कहा कि श्राद्ध का तात्पर्य श्रद्धा से अपने पूर्वजों को याद करना है। हमारे पूर्वज भी हमारे भगवान हैं जो हमारे मार्गदर्शक हैं हमें उनके बताए रास्ते पर चलना चाहिए। इस अवसर पर महंत कश्मीर सिंह भूरीवाले,संत मोहन सिंह, संत मनजीत सिंह महाराज, महंत दामोदर दास, महंत हर्षवर्धन, महंत दलजीत सिंह ,महंत प्रेम सिंह, महंत तीर्थ सिंह, महंत मोहन सिंह आदि ने संत सम्मेलन में विचार रखें।