दरारों के कारण जोशीमठ शहर अभी तक ठीक तरह से पटरी पर नहीं आ सका है. इसी बीच जोशीमठ में चल रहे आंदोलन को लेकर दो तरफा राजनीति भी शुरू हो गई है. जोशीमठ में आई दरारों को लेकर आंदोलन कर रहे पीड़ित परिवारों के बीच पर्यावरणविद और नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर जोशीमठ पहुंचीं. जोशीमठ बचाओ संघर्ष समिति के बैनर तले चल रहे आंदोलन को अपना समर्थन दिया. इस दौरान भारतीय जनता पार्टी के लोगों ने मेधा पाटकर को काले झंडे दिखाकर विरोध किया. नर्मदा बचाओ आंदोलन की नेत्री मेधा पाटकर ने कहा कि देवभूमि में जितनी भी जल विद्युत परियोजनाएं कार्य कर रही हैं, वह देवभूमि के हित में नहीं है. सरकार को जोशीमठ के पीड़ित परिवारों की सुध लेकर उनको उचित विस्थापन और पुनर्वास देना चाहिए. साथ ही जोशीमठ के लोगों की सरकार के साथ, जो सहमति बनी है, उस पर सरकार को खरा उतरना चाहिए. उन्होंने कहा कि उत्तराखंड के लिए सरकार का विकास मॉडल विनाश मॉडल है.