मकर संक्रांति के पर्व पर शुक्रवार को गंगासागर में साढ़े तीन लाख से अधिक श्रद्धालुओं ने डुबकी लगाई। इस दौरान अधिकारी कोरोना वायरस संक्रमण के मामलों का पता लगाने के लिए आरटी-पीसीआर जांच करते नजर आए। पश्चिम बंगाल के दक्षिण 24 परगना जिले के एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा कि जिन लोगों ने संक्रमण रोधी टीके की दोनों खुराक ले ली हैं, और जांच में संक्रमण नहीं पाया गया, उन्हें गंगासागर मेले में जाने की अनुमति दी गई थी। देश के विभिन्न हिस्सों से लोगों के पहुंचने के साथ ही, कड़कड़ाती ठंड के बावजूद आधी रात से पवित्र स्नान प्रारंभ हो गया। श्रद्धालुओं ने कपिल मुनि के मंदिर में पूजा अर्चना की और दान भी दिया। स्थानीय लोगों ने बताया कि कोविड प्रोटोकॉल का पालन कराने के बावजूद स्नान के दौरान सामाजिक दूरी के नियम का उल्लंघन हुआ। एक अधिकारी के मुताबिक, जिला प्रशासन ने दावा किया कि उसने काफी हद तक प्रक्रिया को नियंत्रित किया और अधिकतर श्रद्धालुओं ने निर्देशों का पालन किया। उन्होंने कहा,''हमने इस बार आरटी-पीसीआर जांच और पूर्ण टीकाकरण संबंधी प्रमाणपत्र के बिना किसी को आने की अनुमति नहीं दी। कोलकाता के बाबूघाट और दक्षिण 24 परगना के नामखाना और लॉट 8 सहित सभी प्रवेश मार्गों पर जांच की गई थी। अनुमान है कि अब तक 3.5 लाख तीर्थयात्री डुबकी लगा चुके हैं।''