केंद्र सरकार अगले 5 साल में देश में मोटा अनाज का क्षेत्रफल 50 लाख हेक्टेयर और उत्पादन एक करोड़ टन बढ़ाना चाहती है। इसके लिए रणनीति तैयार कर ली गयी है। साथ ही इस पर काम भी शुरू कर दिया गया है।
नयी रणनीति के मुताबिक, यूपी में 20 प्रतिशत क्षेत्रफल और 35 प्रतिशत उत्पादन बढ़ाया जाएगा। ऐसा करके देश निर्यात की स्थिति में आ सकता है। और अपने सबसे पुराने अनाज को दुनिया को ‘गिफ्ट’ के तौर पर भेंट कर सकता है।
इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ मिलेट रिसर्च हैदराबाद के निदेशक विलास टोनापी के मुताबिक, पोषक अनाज का उत्पादन बढ़ाने के लिए तैयार केंद्र की रणनीति तैयार कर रही है। जिसके तहत 2018 को केंद्र ने मोटा अनाज साल घोषित कर इस ओर महत्वपूर्ण पहल की थी।
अब मोटे अनाजों के प्रोत्साहन के लिए भारत सरकार ने संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन ने 2023 को अंतर्राष्ट्रीय मोटा अनाज वर्ष घोषित किया है। इससे देश के पारंपरिक, पौष्टिक और स्वस्थ अनाज के बारे में वैश्विक स्तर पर जागरूकता लाने में मदद मिलेगी।