भारत के पहले ट्रांसजेंडर पायलट एडम हैरी को विमान उड़ाने की इजाजत नहीं मिल रही है। इसके पीछे की वजह हार्मोनल थेरेपी बतायी गयी है। हालांकि हैरी को देश के विमानन नियामक से स्पष्टीकरण मिल चुका है।
चालक हैरी ने बताया कि, नागर विमानन महानिदेशालय ने साफ कहा है कि, हार्मोनल थेरेपी ले रहे व्यक्ति को विमान उड़ाने की ड्यूटी नहीं दी जा सकती है। इधर डीजीसीए ने सफाई दी है कि, ट्रांसजेंडर लोगों के पायलट बनने पर कोई पाबंदी नहीं है और उसने हैरी को वाणिज्यिक पायलट का लाइसेंस पाने के लिए पुन: आवेदन देने को कहा है। जिसमें मेडिकल जांच होना अनिवार्य है। फिलहाल हैरी के पास निजी पायलट का लाइसेंस है।
खबर है कि, डीजीसीए अधिकारियों के विमान उड़ाने का लाइसेंस पाने के लिए हार्मोनल थेरेपी बंद करने को कहने पर हैरी ने उड़ान प्रशिक्षण स्कूल में दाखिला लेने के लिए दक्षिण अफ्रीका जाने का फैसला किया है। 23 वर्षीय हैरी ने कहा कि, ट्रांसजेंडर लोगों को हार्मोनल थेरेपी जीवन भर लेनी होती है। वे इसे कैसे रोक सकते हैं? वे चाहते हैं कि मैं भारत में लाइसेंस पाने के लिए हार्मोनल थेरेपी लेना बंद कर दूं । मुझे अपने सपने को पूरा करने के लिए लंबी लड़ाई लड़नी होगी।