किसी भी क्षेत्र, नगर को स्वच्छ रखने के लिए जनता का भी अहम योगदान रहता है। जनता भी इसमें भागेदार रहती है। यदि लोग उदासीन हो गए तो स्वच्छता पर भी कहीं न कहीं इसका असर पड़ता है। बागेश्वर नगर में भी इसी उदासीनता का असर पड़ रहा है। हम तो यही कहेंगे कि नगर की स्वच्छता रैकिंग में और सुधार के लिए नगर की जनता को भी अपनी जिम्मेदारी निभानी होगी।
नगर में सड़कों के किनारे कूड़ा बिखरा रहता है। रात को प्लास्टिक की थैलियों में कूड़ा भरकर सड़क पर फेंक दिया जाता है। कूड़ेदानों से बाहर कूड़ा बिखरा रहता है। यानि कि कुछ लोग कूड़ेदानों में कूड़ा न डालकर कूड़ेदान के पास डाल देते हैं। इससे कूड़ेदानों के आसपास गंदगी पसरी रहती है। कूड़ेदान के इर्द-गिर्द जानवरों का अड्ढा बन जाता है। नगर की स्वच्छता में बट्टा लगता है। हाल में नगर में कई स्थानों पर ढक्कनदार कूड़ेदान भी बने हैं ताकि कूड़ा बाहर न बिखरे। फिर भी कूड़ेदानों के बाहर कूड़ा डालने का सिलसिला नहीं रुका है।