रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद यूएएसए में बैंकों के डूबने के बाद अंतरराष्ट्रीय ट्रेड फेयर में भारत के उद्यमियों को मायूसी हाथ लगी है।
यह ट्रेड फेयर एक मई को चीन के ग्वांगझो शहर में लगाया गया है और चार मई गुरुवार को समापन होगा। इसमें पानीपत समेत देश के पांच बड़े उद्योग शामिल हुए हैं। उद्यमियों का कहना है कि, इस बार रिस्पॉन्स की उम्मीद थी, लेकिन उम्मीदों पर खरा नहीं उतरे। अंतरराष्ट्रीय बाजार में टेक्सटाइल के उत्पादों की सबसे ज्यादा खपत यूरोप और यूएसए में होती है। यूरोप के देशों में भारत और चीन के उत्पादों में कड़ी टक्कर होती है।
जानकारों की मानें तो रूस और यूक्रेन युद्ध के चलते यूरोप के देशों में उद्योग पर संकट के बादल छाए हुए हैं। यूएसए से उद्यमियों को काफी उम्मीद थी, लेकिन पिछले दिनों यहां कई बैंक डूब गए। ऐसे में यहां पर बाजार की स्थिति चिंताजनक बन गई है। उद्यमियों की माने तो, चीन समेत कई देशों में अंतरराष्ट्रीय ट्रेड फेयर लगते हैं।
बता दें कि, अब चीन में यह अंतिम ट्रेड फेयर था। सामान्य दिनों में भारत से 40-50 उद्यमी शामिल होते थे। उनको चीन में अंतरराष्ट्रीय मार्केट से काफी ऑर्डर मिलते थे। पिछले कई सालों से कोरोना की गाइडलाइन कड़ी होने और पिछले दिनों फिर से कोरोना बढ़ने पर देश से चार या पांच उद्यमी ही चीन में गए हैं। इनको भी रिस्पॉन्स नहीं मिला है।