आपने अक्सर अपनी दादी-नानी को कहते सुना होगा कि खड़े होकर पानी नहीं पीना चाहिए, या दौड़ के या चल के आ कर तुरंत पानी नहीं पीना चाहिए, एक सांस में पानी नहीं पीना चाहिए। है ना? इसके लिए वे बहुत सारे कारण गिनाती हैं। पर क्या वाकई ऐसा है? नीचे पानी पीने की कुछ तरीकों के बारे में विश्लेषण किया गया है जो आपकी सेहत को बरकरार रखने में सहायता करेंगे-
हमेशा बैठकर पीना चाहिए पानी- आयुर्वेद सलाह देता है कि पानी हमेशा बैठ कर ही पीना चाहिए क्योंकि जब आप खड़े होकर पानी का सेवन करते हैं तो पानी सीधे कोलन तक पहुंच जाता है। इस कारण पानी में मौजूद पोषक तत्व अवशोषित नहीं हो पाते। जिसके कारण गठिया जैसे कई रोग हो जाते हैं।
एक सांस में कभी नहीं पीना चाहिए पानी- पानी को हमेशा घूंट-घूंट में पीना चाहिए एक साथ पानी पीना आपकी सेहत को नुकसान पहुंचा सकता है। दरअसल हमारा स्लाइवा नेचर में एल्कलाइन होता है। पानी पीने के साथ हमारे मुंह में मौजूद सलाइवा पानी में मिक्स होना चाहिए ताकि वह हमारे पेट में एसिड को स्थिर कर सके। एक साथ पानी पीने के कारण सलाइवा मिक्स नहीं हो पाता है। और पाचन संबंधी समस्याएं हो जाती हैं।
खाने के बीच में और पहले नहीं पीना चाहिए- आयुर्वेद के अनुसार, पेट में 50% भोजन, 25% पानी होना चाहिए। बाकी 25% जगह खाली होनी चाहिए ताकि पाचन की प्रक्रिया बेहतर ढंग से काम कर सके। इसीलिए भरपेट खाने की सलाह नहीं दी जाती। यदि आप खाने से पहले पानी पी लेते हैं और खाने के बाद भी पानी पीते हैं, या खाने के बीच भी पानी पीते हैं तो पेट भर जाता है और पाचन की प्रक्रिया धीमी हो जाती है।