देहरादून : कांग्रेस पार्टी में कुर्सी की खींचतान नई बात नहीं है। बीते दिनों देहरादून महानगर कांग्रेस अध्यक्ष की विदाई और कार्यकारी अध्यक्ष को कमान सौंपने के बाद यह विवाद और गहरा गया है। पार्टी के भीतर वर्षों से पदों पर जमे कई पदाधिकारियों को लेकर सवाल उठ रहे हैं तो नए कार्यकारी अध्यक्ष भी कुर्सी की बाट जोह रहे हैं। प्रदेश कांग्रेस कमेटी की ओर से बीते माह 19 नवंबर को 17 कार्यकारी जिलाध्यक्षों और महानगर अध्यक्षों की सूची जारी की गई थी। इनमें से कुछ स्थानों पर जिलाध्यक्षओं और महानगर अध्यक्षों ने स्वयं से इस्तीफा देकर कमान नए कार्यकारी अध्यक्षों को सौंप दी है, जबकि कुछ अभी भी पार्टी की ओर से पत्र मिलने का इंतजार कर रहे हैं। पार्टी सूत्रों की मानें तो एक बार कार्यकारी अध्यक्ष के नाम की घोषणा होने के बाद पुराने अध्यक्ष स्वत: पद छोड़ देते हैं। फिलहाल खेमों में बंटी कांग्रेस में ऐसा नहीं हो रहा है। अल्मोड़ा में भूपेंद्र मोज, बागेश्वर में भगत सिंह डसीला, चमोली में मुकेश नेगी, पछवादून में लक्ष्मी अग्रवाल, महानगर देहरादून डॉ. जसविंदर सिंह गोगी, महानगर हरिद्वार में सतपाल ब्रह्मचारी, हरिद्वार ग्रामीण में राजीव चौधरी ,रुड़की ग्रामीण में वीरेंद्र जाति, नैनीताल में राहुल छिमवाल, पिथौरागढ़ में अंजू लूंठी, डीडीहाट में मनोहर टोलिया, रुद्रप्रयाग में कुंवर सिंह सजवाण, महानगर काशीपुर में मुशर्रफ हुसैन, रुद्रपुर में सीपी जोशी, ऊधमसिंह नगर में हिमांशु गावा, उत्तरकाशी में मनीष राणा और पुरोला में दिनेश चौहान का नाम शामिल है। इनमें से कुछ जगहों पर नए अध्यक्षों ने पद संभाल लिया है, जबकि कुछ जगहों पर पुराने अब भी अड़े हैं।