उत्तरकाशी: सामरिक दृष्टि से महत्वपूर्ण चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे का विस्तारीकरण न होने से वायुसेना के लड़ाकू विमान नहीं उतर पा रहे हैं। शुक्रवार को वायुसेना का एक विमान हवाई अड्डे की रेकी कर लौट गया। वायुसेना की मांग पर लोक निर्माण विभाग हवाई पट्टी को 150 मीटर लंबा करने का प्रस्ताव शासन को भेज चुका है। अधिकारियों का कहना है कि शासन से अभी कोई निर्देश प्राप्त नहीं हुए हैं। उत्तरकाशी जनपद में भारत-चीन सीमा से लगे चिन्यालीसौड़ हवाई अड्डे को वायुसेना अपना एडवांस लैंडिंग ग्राउंड (एएलजी) बनाना चाहती है। लेकिन इसका विस्तारीकरण न होने से लड़ाकू विमान नहीं उतर पा रहे हैं। हालांकि, यहां मालवाहक विमान उतारने में कामयाब हो चुके हैं। शुक्रवार को भी बरेली एयरबेस से एक हेलीकॉप्टर वायुसेना की कम्यूनिकेशन टीम को लेकर पहुंचा। कुछ देर बाद वायुसेना के मालवाहक विमान एएन-32 ने यहां दो बार टेक ऑफ और लैंडिंग का अभ्यास किया।हवाई अड्डे के विस्तारीकरण के लिए लोक निर्माण विभाग की ओर से प्रस्ताव बनाकर शासन को भेजा गया है। इस पर अभी शासन की ओर से दिशा-निर्देश नहीं मिले हैं। -मीनाक्षी पटवाल, एसडीएम, डुंडा।