डॉ. मेंदोला ने करीब 22 वर्षों तक देवप्रयाग महाविद्यालय में अध्यापन के साथ विभिन्न क्षेत्रों में उल्लेखनीय कार्य किये हैं। कुछ माह पूर्व उनका ऋषिकेश महाविद्यालय में स्थानांतरण हो गया। उनकी पत्नी डॉ. आराधना शर्मा डीबीएस पीजी कॉलेज देहरादून में भौतिक विज्ञान में असिस्टेंट प्रोफेसर है। राज्य भर से विशेषज्ञ समिति व राज्य विश्वविद्यालयों के कुलपतियों की समिति के अंतिम मूल्यांकन के बाद उक्त पुरस्कार हेतु डॉ. मैन्दोला का चयन किया गया।
सीएम पुष्कर सिंह धामी ने शनिवार को पुरस्कार के तौर पर उन्हें 50 हज़ार की राशि और प्रशस्ति पत्र प्रदान करेंगे। कोरोना वैश्विक महामारी के समय डॉ. मैंदोला के नेतृत्व में प्रदेश का देवप्रयाग में पहला इंटरनेशनल वेबीनार आयोजित किया गया था। डॉ. मैंदोला के एनएसएस कार्यक्रम अधिकारी रहते महाविद्यालय के 12 छात्रों का चयन राष्ट्रीय एकीकरण शिविर और दो छात्रों का चयन पूर्व गणतंत्र दिवस परेड के लिए भी हुआ। देवप्रयाग में नमामि गंगे के नोडल अधिकारी रहते उन्होंने अलकनंदा, भागीरथी और गंगा के तटों पर स्वच्छता अभियान के साथ ही संगम पर गंगा संवाद विषय पर राष्ट्रीय सेमिनार के साथ गंगा रन का सफल आयोजन भी किया।