थौलधार विकासखंड के कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास में आठ वर्षो से पेयजल संकट बना हुआ है। जिससे छात्राओं एवं स्टाफ को भारी परेशानी का सामना करना पड़ता है। लेकिन, आज तक इस समस्या की ओर ध्यान नहीं दिया गया। वर्तमान में जूनियर स्तर पर 45 एवं माध्यमिक स्तर पर 72 छात्राएं छात्रावास में हैं।
आठ वर्ष पूर्व विकासखंड मुख्यालय से दस किमी दूर कोशल गांव में कस्तूरबा गांधी बालिका छात्रावास की स्थापना की गई। जूनियर एवं माध्यमिक स्तर के लिए अलग-अलग दो छात्रावासों का लगभग ढाई करोड़ की लागत से निर्माण किया गया। लेकिन, अभी तक छात्रावासों के लिए पेयजल योजना का निर्माण नहीं किया गया है। गांव की पेयजल योजना में पानी की कमी के कारण ग्रामीणों ने छात्रावास को पेयजल संयोजन देने का विरोध किया। तीन वर्ष पूर्व यहां पर हैंडपंप पर मोटर लगवाकर पेयजल की व्यवस्था की गई। छात्रावास को देखते हुए हैंडपंप से पेयजल आपूर्ति अस्थायी एवं अपर्याप्त है। अकसर मोटर खराब होने पर कई दिनों तक पेयजल संकट बना रहता है। क्षमता के अनुरूप छात्राएं नहीं