उत्तरकाशी: जिला मुख्यालय उत्तरकाशी में वरुणावत पर्वत से लगे गुफियारा-जल संस्थान कॉलोनी के ऊपर पहाड़ी पर हो रहे भूस्खलन के विस्तृत सर्वेक्षण के लिए विशेषज्ञों की टीम आज उत्तरकाशी पहुंची. विशेषज्ञों की टीम ने सर्वेक्षण का कार्य शुरू कर दिया है. इस टीम में टीएचडीसी, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के साथ ही उत्तराखंड भूस्खलन शमन एवं प्रबंधन केन्द्र के विशेषज्ञ शामिल हैं. इसके साथ ही जिला टास्क फोर्स के भूवैज्ञानिक एवं लोक निर्माण विभाग के अधिशासी अभियंता भी सर्वेक्षण टीम को सहयोग कर रहे हैं.
बीते 27 अगस्त को वरुणावत पर्वत से लगे गुफियारा-जल संस्थान कॉलोनी के ऊपर पहाड़ी पर हो रहे भूस्खलन का विस्तृत भूवैज्ञानिक जांच कर उसके निदान के लिए सुझाव व उपाय प्रस्तुत किए जाने के लिए जिला प्रशासन के आग्रह पर शासन के द्वारा टिहरी जल विद्युत निगम ( टीएचडीसी ) को जिम्मा सौंपा गया है. जिलाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट ने टीएचडीसी के उच्चाधिकारियों को पत्र भेजकर सर्वेक्षण दल को अविलंब उत्तरकाशी भेजे जाने का आग्रह किया. जिसके बाद आज विशेषज्ञों की टीम जिला मुख्यायल उत्तरकाशी पहुंची. टीम के सदस्यों ने कुटेटी देवी एवं वरुणावत की तलहटी वाले क्षेत्रों में जाकर भूस्खलन का जायजा लिया. यह टीम शनिवार 7 सितंबर को भूस्खलन क्षेत्र एवं वरुणावत पहाड़ी के शीर्ष पर जाकर विस्तृत सर्वेक्षण करेगी.
टीम के सदस्यों ने जिलाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट के साथ बैठक कर सर्वेक्षण की रूपरेखा का प्रस्तुतिकरण करने के साथ ही आज प्रारंभिक सर्वेक्षण के बारे में अवगत कराया. इस अवसर पर जिलाधिकारी मेहरबान सिंह बिष्ट ने टीम को बारीकी से स्थलीय सर्वेक्षण कर इस भूस्खलन के कारण एवं निवारण के बारे में विस्तृत रिपोर्ट देने की अपेक्षा की, जिससे इस भूस्खलन के उपचार एवं आबादी की सुरक्षा के लिए आवश्यक कारगर कदम उठाए जा सकें. बैठक में उत्तराखंड भूस्खलन शमन एवं प्रबंधन केन्द्र की वरिष्ठ भूवैज्ञानिक रूचिका टंडन, डिजायन इंजीनियर पंकज उनियाल, जीएसआई की वरिष्ठ भूवैज्ञानिक नेहा कुमारी, टीएचडीसी के वरिष्ठ प्रबंधक जेआर कोठारी, स्ट्रक्चरल इंजीनियर टीएचडीसी विनय पुरोहित, जिला टास्क फोर्स के भूवैज्ञानिक प्रदीप कुमार, अधिशासी अभियंता लोनिवि रजनीश सैनी, जिला आपदा प्रबंधन अधिकारी देवेन्द्र पटवाल शामिल रहे.