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DevBhoomi Insider Desk
• Mon, 31 Oct 2022 8:00 pm IST


43 साल बाद ग्रहण योग में फिर हुआ मोरबी हादसा, 1979 में ग्रहण के समय टूटा था मोरबी का पुल


रविवार 30 अक्टूबर को गुजरात के मोरबी में मच्छु नदी पर बना सस्पेंशन ब्रिज टूट गया। उस समय पुल पर करीब 500 लोग थे, जो नदी में जा गिरे। इस हादसे में कई लोगों की मौत हो गई है और खबर है कि 70 से ज्यादा लोग घायल हैं। 2022 से पहले 1979 में भी मच्छु नदी का डैम टूटने से हादसा हुआ था, जिसमें हजारों लोग मारे गए थे। 2022 और 1979 के इन दोनों हादसों में एक बात कॉमन है कि उस समय भी सूर्य और चंद्र ग्रहण हुए थे और इस साल भी 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण हो चुका है और 8 नवंबर को चंद्र ग्रहण होगा। ज्योतिषाचार्यों के मुताबिक 1979 में 22 अगस्त को सूर्य ग्रहण और 6 सितंबर को चंद्र ग्रहण हुआ था। ठीक ऐसा ही योग इस साल भी बना है। 25 अक्टूबर को सूर्य ग्रहण था और अब 8 नवंबर को चंद्र ग्रहण होगा। ज्योतिष के ग्रंथ बृहत्संहिता में ग्रहण के बारे में भविष्यवाणियां की गई हैं। इस ग्रंथ में लिखा है कि जब-जब एक ही महीने में दो ग्रहण एक साथ होते हैं, तब-तब दुनिया में हादसों की वजह से जनहानि होती है।

सूर्य ग्रहण के बाद से दुनिया भर में हो रहे हैं हादसे
अभी कार्तिक महीना चल रहा है और दीपावली के अगले दिन 25 तारीख को तुला राशि में सूर्य ग्रहण हुआ था और 8 नवंबर को मेष राशि में चंद्र ग्रहण होगा। सूर्य ग्रहण के बाद से दुनिया भर में कई हादसे हो रहे हैं। बांग्लादेश में तूफान आया, साउथ कोरिया में हेलोवीन हादसा हुआ, सोमालिया में आतंकी हमला हुआ, फिलीपींस में पैंग तूफान आया, गुजरात के मोरबी में पुल टूट गया। इन सभी घटनाओं में हजारों लोगों की जान जा चुकी है।

1979 में भी हुए थे ग्रहण के समय हुए थे ऐसे ही हादसे
43 साल पहले 11 अगस्त 1979 को भी मोरबी में डैम टूटने से बाढ़ आ गई थी और हजारों लोग मारे गए थे। उस साल 22 अगस्त को सिंह राशि में सूर्य ग्रहण हुआ था। इसके बाद 6 सितंबर को कुंभ राशि में चंद्र ग्रहण हुआ था। अक्टूबर-1979 में फिलीपींस में तूफान आया था, जिसमें बड़ी जनहानि हुई थी। ठीक ऐसे ही हादसे 2022 में भी हो रहे हैं।

बृहत्संहिता के अनुसार दो-दो ग्रहणों का असर
वराहमिहिर द्वारा रचित ग्रंथ बृहत्संहिता के राहुचाराध्याय में लिखा है कि जब दो-दो ग्रहण एक साथ एक ही महीने में होते हैं तो तूफान, भूकंप, मानवीय भूल से बड़ी संख्या में जनहानि होने के योग बनते हैं। एक ही महीने में सूर्य और चंद्र ग्रहण होते हैं तो सेनाओं की हलचल बढ़ती है। सरकारों को दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। प्राकृतिक आपदा आने के योग रहते हैं।