बीते तीन साल से कोरोना का खतरा टल ही नहीं रहा है, इसी बीच दक्षिण कोरिया में दिमाग खा जाने वाले अमीबा ने दस्तक दे दी है।
इसका खुलासा तब हुआ जब इस कारण एक 50 साल के शख्स की मौत हो गई। हालांकि, दक्षिण कोरिया में अमीबा के संक्रमण का यह पहला केस है। नेगलेरिया फाउलेरी नामक संक्रमण को “ब्रेन-ईटिंग अमीबा” के रूप में भी जाना जाता है। एक रिपोर्ट के मुताबिक, थाईलैंड से लौटे कोरियाई नागरिक में इसके लक्षण दिखने के 10 दिन बाद ही मौत हो गई।
बताया जा रहा है कि, मरने वाले शख्स ने दक्षिण कोरिया आने में आने से पहले चार महीने थाईलैंड में बिताए थे। वहीं इससे पहले अमेरिका में भी इसी से एक बच्चे की मौत हो चुकी है। दरअसल ये अमीबा नाक के माध्यम से मस्तिष्क तक पहुंच कर ब्रेन टिश्यू को नष्ट कर देता है। अपने दम पर जीवित रहने वाला नेग्लरिया नाम का ये अमीबा आमतौर पर मिट्टी और झीलों, नदियों और गर्म झरनों में पाया जाता है।
फाउलेरी प्रजाति का ये नेगलेरिया अमीबा मनुष्यों को संक्रमित करता है। तैरने, गोताखोरी करने, झीलों या नदियों के ताजे पानी में अपना सिर डुबोने से ये नाक से शरीर में प्रवेश कर फिर नाक से मस्तिष्क तक चला जाता है। और लोगों को संक्रमित कर देता है।