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DevBhoomi Insider Desk
• Sun, 12 Mar 2023 5:29 pm IST

नेशनल

SC में केंद्र सरकार का हलफनामा, समलैंगिक शादियों को नहीं देनी चाहिए कानूनी मान्‍यता!


नई दिल्‍ली: समलैंगिक शादियों को कानूनी मान्यता देने का केंद्र सरकार ने विरोध किया है। न्यूज एजेंसी के अनुसार, केंद्र ने रविवार को सुप्रीम कोर्ट में इसको लेकर हलफनामा दायर किया है। सोमवार को शीर्ष अदालत में सेम सेक्स मैरिज को मान्यता देने के लिए दाखिल याचिकाओं पर सुनवाई होनी है। इससे पूर्व केंद्र सरकार का हलफनामा बताता है कि सरकार इसके पक्ष में नहीं है।

न्यूज एजेंसी और मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, केंद्र सरकार ने रविवार को सुप्रीम कोर्ट में 56 पेज का हलफनामा दाखिल किया। इसमें कहा गया कि सेम सेक्स मैरिज भारतीय परंपरा के मुताबिक नहीं है। यह पति-पत्नी और उनसे पैदा हुए बच्चों के कॉन्सेप्ट से मेल नहीं खाती।

वर्तमान स्थिति पर भी कही ये बात

इस हलफनामे में समाज की वर्तमान स्थिति का भी जिक्र किया गया है। केंद्र ने कहा कि अभी के समय में समाज में कई तरह की शादियों या संबंधों को अपनाया जा रहा है। इस पर हमें आपत्ति नहीं है। कानून में उल्लेख के अनुसार भी समलैंगिक विवाह को मान्यता नहीं दी जा सकती, क्योंकि उसमें पति और पत्नी की परिभाषा जैविक तौर पर दी गई है। उसी के अनुसार दोनों के कानूनी अधिकार भी हैं। समलैंगिक विवाह में विवाद की स्थिति में पति और पत्नी को कैसे अलग-अलग माना जा सकेगा? शादी की परिभाषा भी अपोजिट सेक्स के दो लोगों का मिलन है। इसे विवादित प्रावधानों के जरिए खराब नहीं किया जाना चाहिए।

इससे पहले सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले को लेकर दिल्ली सहित अलग-अलग हाईकोर्ट में दाखिल सभी याचिकाओं की सुनवाई एक साथ करने का निर्णय किया था। अदालत ने छह जनवरी को इस मुद्दे से जुड़ी सभी याचिकाएं अपने पास ट्रांसफर कर ली थीं। सोमवार को चीफ जस्टिस डी. वाई. चंद्रचूड़, जस्टिस जे. बी. पारदीवाला और जस्टिस पी. एस. नरसिम्हा की बेंच इस मामले की सुनवाई करेगी।