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DevBhoomi Insider Desk
• Fri, 17 Jun 2022 4:00 am IST


एक ऐसा गांव जहां 39 साल से नहीं दर्ज हुआ एक भी मुकदमा, लोग नहीं जानते कैसी होती है पुलिस


एक तरफ जहां 10 रुपये के लिए लोग किसी की जान लेने में गुरेज नहीं कर रहे हैं तो वही दूसरी तरफ मध्य प्रदेश के निवाड़ी जिले में एक ऐसा गांव भी है। जहां पिछले 39 साल से थाने में कोई केस दर्ज नहीं हुआ। गांव के लोग बड़े बुजुर्गों की पंचायत पर बना लेते हैं और आपसी सहमति से मामले सुलझा लेते हैं। 

धार्मिक और पर्यटक नगरी ओरछा के पास बसा हाथीवर खिरक एक ऐसा गांव है। जहां 1983 से गांव के लोगों को पुलिस थाने की जरूरत ही नहीं पड़ी। 39 सालों में अब तक एक भी अपराध दर्ज नहीं हुआ है। गांव के लोग भी थाने और कोर्ट कचहरी से कोसों दूर रहते हैं। 

100 साल की बुजुर्ग महिला प्यारी बाई पाल का कहना है कि, उन्होंने कभी नहीं देखा कि गांव में कोई विवाद हुआ है। गांव में पुलिस आई हो। पुलिस कैसी होती है वह नहीं जानती। गांव के कई बुजुर्ग और युवाओं का कहना है कि उन्होंने जब से होश संभाला है तब से गांव में कोई विवाद नहीं हुआ. कभी  हल्के-फुल्के विवाद हो ही जाते हैं तो गांव के बुजुर्गों द्वारा पंचायत स्तर पर आपसी सहमति से बैठल कर उसे सुलझा लिए जाते हैं। 

गांव में पाल और अहिरवार या ब्राह्मण समाज के लोग रहते हैं। सभी समाज के लोग आपसी भाईचारे और घुल मिलकर रहते हैं। हाथीवर खैरा गांव के लोगों का मुख्य व्यवसाय खेती है जिसके साथ साथ बकरी और गाय जैसे जानवरों का पालन करते हैं। बकरी पालन से उन्हें रोजगार मिलता है। जिससे उन्हें आर्थिक आमदनी भी होती है। गाय पालन से गांव के लोगों को दूध की कमी नहीं होती है। गांव के लोग घी, दूध का भी व्यवसाय करते हैं।