हल्द्वानी नगर निगम ने भवन कर बढ़ाने के दौरान मानक प्रक्रिया का पालन नहीं किया था। नगर निगम के अधिकारियों ने निगम की प्रशासक से भी अनुमति नहीं ली थी। मुख्यमंत्री ने डीएम/प्रशासक को मामले को दिखवाने के निर्देश दिए थे। नगर निगम की प्रशासक वंदना ने 15 प्रतिशत भवन कर की वृद्धि को वापस ले लिया है। अब यह प्रक्रिया दोबारा पारदर्शी रूप से पूरी की जाएगी। इससे 25 हजार लोगों को राहत मिली है।
बृहस्पतिवार को नगर निगम ने गुपचुप बढ़ा दिया 15 प्रतिशत भवन कर शीर्षक से खबर प्रकाशित की थी। इसमें बताया कि नगर निगम प्रत्येक चार साल बाद भवन कर बढ़ाता है। इसके लिए निगम पहले समाचार पत्रों में विज्ञापन देता है। इसके बाद लोगों से आपत्तियां मांगी जाती हैं। आपत्तियों के निस्तारण के बाद संपत्ति कर में बढ़ोतरी की जाती है। इसके बाद किस वार्ड में दर बढ़कर कितनी हो गई, इसका भी प्रकाशन किया जाता है।