वानिकी महाविद्यालय रानीचौरी में संचालित अखिल भारतीय समन्वित मोटा अनाज शोध परियोजना के तहत कैंछु गांव में आयोजित गोष्ठी में किसानों को फसलों का उत्पादन बढ़ाने पर जोर दिया। कहा कि मोटे अनाज की पैदावार करना काफी आसान है। उन्होंने खेतों का भ्रमण कर किसानों को बीज और कीटनाशक भी बांटे।
शनिवार को कैंछु गांव में आयोजित गोष्ठी में परियोजना समन्वयक व पादप रोग विज्ञान की प्रभारी डा. लक्ष्मी रावत ने किसानों को मोटा अनाज झंगोरा, मंडुवा, कौणी, चीणा की उपयोगिता बताई। उन्होंने मोटा अनाज पर लगने वाले रोगों एवं कीटों से बचने के तरीके भी बताए। कहा कि विवि किसानों से झंगोरा, कौंणी, मंडुवा, चोलाई आदि की फसलों के बीज भी खरीदेगा। उन्होंने किसानों के खेतों का निरीक्षण करते हुए फसलों के उत्पादन के संबंध में जानकारी ली। इस मौके पर अजय ममगाईं, गुरु प्रसाद, धनीराम, महेंद्र चमोली, दुर्गा पंत, रोशन लाल, राकेश चमोली, सुनीता देवी, गीता पंत, जशोदा देवी, सुंदर लाल, मोहनलाल, रामलाल, अक्षित कुकरेती, कुलदेव सिंह उपस्थित रहे।