बागेश्वर-कोरोना महामारी के चलते हुए लॉकडाउन के कारण पिछले साल विश्व प्रसिद्ध पिंडारी और कफनी ग्लेशियर की यात्रा बंद हो जाने से मायूस रोमांच के शौकीनों के लिए अच्छी खबर है। पर्यटक इस साल अप्रैल से जुलाई तक फिर से पिंडारी और कफनी की यात्रा पर जा सकते हैं। अप्रैल से ग्लेशियरों की यात्रा शुरू हो जाती है। पिछले वर्ष कोरोना के कारण यात्रा बाधित थी। जिला पर्यटन अधिकारी कीर्ति चंद्र आर्या ने बताया कि इस वर्ष सारी तैयारियां पूरी कर ली गई हैं। यात्री जून-जुलाई तक ग्लेशियरों की यात्रा कर सकते हैं। पिंडारी और कफनी ग्लेशियर की सैर पर जाने के लिए बागेश्वर से खर्किया तक 65 किमी की यात्रा वाहन से की जाती है। खर्किया से पैदल यात्रा शुरू होती है। खर्किया से पांच किमी की दूरी पर खाती गांव पड़ता है। यहां से 12 किमी की दूरी पर द्वाली है। द्वाली से कफनी और पिंडारी को जाने के अलग-अलग रास्ते हैं। द्वाली से पांच किमी की दूरी पर फुर्किया और सात किमी की दूरी पर पिंडारी का जीरो प्वाइंट स्थित है। कफनी ग्लेशियर द्वाली से 12 किमी की दूरी पर स्थित है।