फारूक अब्दुल्ला ने मुसलमानों को एकजुट होने का आवाह्न किया है। अब्दुल्ला ने कहा कि, पूरे देश के मुसलमानों को इकट्ठा होकर वर्तमान परिस्थितियों का मुकाबला करना चाहिए। उन्होंने कहा कि, इस समय देश में नफरत के बीज बोये जा रहे हैं। और देशवासियों को एक-दूसरे से दूर करने की साजिश की जा रही है।
अब्दुल्ला ने मुस्लिम समुदाय के लोगों से कहा कि, अगर सभी इकट्ठे होकर इस स्थिति का मुकाबला करें। तो इससे निपटा जा सकता है। दरअसल अब्दुल्ला जम्मू-कश्मीर में आयोजित एक कार्यक्रम में शामिल होने गए थे। जहां उन्होंने कहा कि बात-बात पर मुसलमानों को पाकिस्तान जाने की सलाह दे दी जाती है। लेकिन इस तरह की सलाह देने वाले लोगों को समझ लेना चाहिए कि, उनके बुजुर्गों ने इस देश को अपना माना था। और वे लोग यहां से जाने वाले नहीं हैं। जब शेख अब्दुल्ला ने हिंदुस्तान के प्रति अपनी वफादारी होने की बात कही थी, तब इस देश में इस तरह के नेता थे जिन्हें अपना समझा जा सकता था। लोग हिंदू-मुस्लिम को अलग-अलग नहीं देखते थे, लेकिन इस समय लोगों से बांटा जा रहा है। भरोसे की कमी से लोगों का आपस में रिश्ता भी कमजोर पड़ रहा है, लेकिन भरोसे की इस मजबूती को कम नहीं होने दिया जाना चाहिए।
देश में मुसलमानों की आवाज न उठाने के कारण फारूक अब्दुल्ला ने मीडिया पर भी हमला किया। उन्होंने कहा कि मीडिया में केवल एक पक्ष की बातें ही उठाई जा रही हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए मीडिया सेल का गठन किया जाना चाहिए। दिल्ली में आयोजित इस कार्यक्रम में तय किया गया कि देश में वर्तमान परिस्थितियों से निपटने के लिए एक कमेटी का गठन किया जाएगा। इस कमेटी का अध्यक्ष पूर्व सांसद मोहम्मद अदीब को बनाया गया है। उनकी अध्यक्षता में कमेटी पूरे देश का दौरा करेगी और पूरे देश के मुसलमानों को एकजुट होकर वर्तमान परिस्थितियों का मुकाबला करने के लिए प्रेरित करेगी।